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उत्तरप्रदेशप्रतापगढ़

डीएम की सख्ती का दिखा असर, 626 हैण्डपम्प हुये रिबोर व 1077 हैण्डपम्प की हुई मरम्मत

अमृत सरोवर, हैण्डपम्प मरम्मत एवं रिबोर का सत्यापन में गलत पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध होगी कड़ी कार्रवाई-डीएम

अमृत सरोवर, हैण्डपम्प मरम्मत एवं रिबोर का सत्यापन में गलत पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध होगी कड़ी कार्रवाई– डीएम ।।

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने कैम्प कार्यालय के सभागार में पेयजल के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ समीक्षा की। डीएम द्वारा 01 अप्रैल को पेयजल की समस्याओं के दृष्टिगत खण्ड विकास अधिकारियों, ईओ को निर्देश दिये गये थे कि 15 से 20 दिन का अभियान चलाकर जो भी हैण्डपम्प रिबोर योग्य है उन्हें रिबोर कराया जाये और जो भी हैण्डपम्प मरम्मत योग्य है उनकी मरम्मत करायी जाये, डीएम की सख्ती का असर देखा गया और जनपद के समस्त विकास खण्डों में 746 हैण्डपम्प रिबोर होने हेतु चिन्हित किये गये थे जिनमें से 626 हैण्डपम्प रिबोर हो गये है और 126 हैण्डपम्प रिबोर हेतु अवशेष है। इसी प्रकार जनपद में 1284 हैण्डपम्प मरम्मत हेतु चिन्हित किये गये थे जिनमें से 1077 हैण्डपम्प की मरम्मत हो गयी है और 207 हैण्डपम्प मरम्मत योग्य अवशेष है। डीएम ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि जो भी हैण्डपम्प मरम्मत एवं रिबोर हेतु अवशेष है उन्हें एक सप्ताह में अभियान चलाकर पूर्ण कराया जाये जिससे लोगों की पानी की समस्याओं को दूर कराया जा सके। पूर्व की बैठक में डीएम ने निर्देश दिया था कि जनपद के अमृत सरोवरो व पोखरों है यदि पानी नही हैं तो विभिन्न जल श्रोतो जैसे नहर, सरकारी नलकूप, माइनर, प्राइवेट आदि के माध्यम से अमृत सरोवरों में पानी पूर्ण तरीके से भराया जाये। जनपद में कुल अमृत सरोवरों की संख्या 893 है जिनमें से पक्के अमृत सरोवर 390 है, पूर्व में 290 अमृत सरोवरों में पानी भराया गया था और वर्तमान में 117 अमृत सरोवरों में पानी भराया गया है, अवशेष तालाबों में भी अभियान चलाकर पानी भराना सुनिश्चित किया जाये और रिपोर्ट एवं फोटोग्राफ उपलब्ध करायी जाये। जनपद में जो भी कुयें है उनका सर्वे कराया गया जिसमें 6708 कुयें पाये गये। डीएम ने निर्देश दिया कि प्रत्येक राजस्व ग्रामों में एक कुओं को चिन्हित कर क्रियाशील कराया जाये। उन्होने कहा कि धार्मिक, पौराणिक स्थलों पर कुओं का जीर्णोद्धार कराया जाये जाये जिससे शादी-विवाह के अनुष्ठान के लिये कुओं को प्रयोग में लाया जा सके। रूफ टॉफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से कुओं को विकसित किया जाये और समस्त बीडीओ ग्राम निधि/मनरेगा से रूफ टॉफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य कराने हेतु कार्ययोजना बनाकर उपलब्ध करायें।

जल निगम की पेयजल परियोजनाओं में दो फार्मो क्रमशः मेसर्स जेएमसी द्वारा 334 परियोजनाओं व मेसर्स पावरमेक द्वारा 452 परियोजनाओं में कार्य किया जा रहा है जिस पर डीएम ने निर्देश दिया कि जो भी परियोजनायें पूर्ण हो गये है उन्हें हैण्डओवर किया जाये एवं जिन परियोजनाओं का कार्य अधूरा है उनमें 15 दिन का अभियान चलाकर परियोजनाओं को पूर्ण कराया जाये तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दूषित/खारे पानी की समस्या के सम्बन्ध में सूचना दी जाये। जल निगम के अधिशासी अभियन्ता को निर्देशित किया गया कि जिन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है उन सभी की मानीटरिंग निरन्तर करते रहे और जो भी कमियां दिखे उसे दुरूस्त कराया जाये जिससे पेयजल परियोजनायें यथाशीघ्र प्रारम्भ हो सके। अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जो भी हैण्डपम्प खराब होते है उन्हें तत्काल 24 से 48 घंटों के बीच मरम्मत कराया जाये। ईओ नगर पालिका परिषद ने बताया क 13 वाटर कूलर खराब थे उन्हें ठीक करा दिया गया है। इसी प्रकार अन्य अधिशासी अधिकारियों ने बताया कि जो भी वाटर कूलर खराब थे उन्हें ठीक करा दिया गया है। समस्त अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सुबह-शाम अपने अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करें जहां पर गन्दगी दिखायी दे उसे तत्काल साफ कराया जाये।

डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गो-आश्रय स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था पूर्ण रूप से रहे जिससे किसी भी गोवंश की प्यास की वजह से मृत्यु न होने पाये, यदि प्यास की वजह से किसी भी गो संरक्षण केन्द्रों में गोवंश की मृत्यु होती है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होने कहा कि जो भी हैण्डपम्प मरम्मत एवं रिबोर हुये है, जिन अमृत सरावरों में पानी भराया गया है उन स्थलों का सत्यापन कराया जाये यदि सत्यापन रिपोर्ट में गलत पाया जायेगा तो सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कार्यालयों में आग से बचाव हेतु अग्निशमन यंत्र लगाये जाये, सभी कार्यालयों में मिट्टी के घड़ों मे पानी भरकर रखा जाये। चकरोड एवं नालियों का कार्य समय से करा लिया जाये। मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सम्बन्धित अधिकारी अपने स्तर से जो भी बैठकें नियमित करते है उसके अनुपालन आख्या सम्बन्धित विभाग से प्राप्त करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 दिव्या मिश्रा, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) आदित्य प्रजापति, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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